य सिस्टम पूर तरह से पुनरखरीद(बार-बा खरद) और कर ला त हो भला पर आधारित ह पंजीकरण करं
हमारे देश भारत में कमाने वाला एक और खाने वाले अनेक की प्रथा प्रचलित है। परिवार के कमाने वाले एक सदस्य पर बीवी, बच्चों, माता-पिता के साथ-साथ गांव, समाज व देश के पागल, विकलांग, भिखारियों, अनाथों, वृद्ध आश्रमों एवं धार्मिक अनुयायियों आदि को भी पालने की जिम्मेदारी होती है। इस तरह कमाने वाले एक सदस्य पर औसतन 5 से 7 लोगों के भरण पोषण का भार होता है। इस कंपटीशन के युग में देश के 80% परिवारों के कमाने वाले एक सदस्य की अधिकतम औसतन कमाई पलायन और प्रदूषण स्वीकार करने के बाद भी दस हजार रुपए हर महीने है, यदि परिवार में कुल पांच सदस्य हैं तो प्रति सदस्य औसत कमाई ₹2000 महीने या इससे भी कम आती है, जो महंगाई के हिसाब से गुजारे के लिए काफी कम है। यह सक्रिय कमाई है यदि कमाने वाला सदस्य बीमार पड़ जाए या बूढ़ा हो जाए या रिटायर हो जाए या कमाने लायक ना रह जाए या कहीं घूमने या रिश्तेदारी में चला जाए तो प्रति व्यक्ति कमाई शून्य हो जाती है। यदि वर्तमान में किसी परिवार की प्रति व्यक्ति कमाई ₹10000 महीना है भी तो यह सक्रिय कमाई है जो काम ना कर पाने की स्थिति में शून्य हो जाती है अर्थात जब तक काम तभी तक कमाई होती है, जबकि इस प्रगतिशील दुनिया और फैशन के दौर में हर परिवार के प्रति सदस्य की कम से कम ₹20000 महीने या अधिक की निष्क्रिय कमाई होनी चाहिए अर्थात काम ना कर पाने पर भी प्रति सदस्य की कमाई 20000 रुपए या अधिक हर महीने होनी चाहिए तभी आसानी से गुजारा होना संभव है। मेरे मत में प्रति व्यक्ति सक्रिय कमाई कम होना या निष्क्रिय कमाई शून्य होना ही हम सब की सारी समस्याओं एवं बुराइयों की जड़ है।
इस अद्वितीय सिस्टम का नाम प्रॉब्लम फ्री है जो एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। प्रॉब्लम फ्री का अपना कोई ब्रांड या सामान नहीं है। प्रॉब्लम फ्री अपने इस सिस्टम से धरती के हर एक इंसान और धरती के हर छोटे-बड़े गांव/शहर/मोहल्ले में वर्तमान में चल रही दुकानों में से कुछ चुनिंदा दुकानों को जोड़कर एक दूसरे की मदद से दुकानदारों को कंपटीशन और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्मों से मुक्ति दिलाने तथा हर एक इंसान को सिर्फ दुकान बदलकर खरीदारी करते रहने मात्र से ही जीवन भर हर महीने बार-बार निष्क्रिय कमाई देने का काम करता है। इन दुकानों पर बाजार वाला ही सामान तुलनात्मक रूप से बराबर या कम दाम पर मिलेगा, जहां से बाजार या ऑनलाइन दोनों ही माध्यम से खरीदारी की जा सकती है। वर्तमान में पूरी दुनिया की जितनी आबादी है उसकी 1% आबादी भी वर्तमान पैसा कमाने के तरीकों से अपने तथा अपने परिवार के खर्च के बराबर या उससे अधिक निष्क्रिय कमाई नहीं कर पा रही है, परंतु इस सिस्टम को अपनाने के बाद से दुनिया की 100% आबादी आने वाले अधिकतम दो-पांच सालों बाद या इससे भी जल्दी अपने-अपने खर्च से ज्यादा निष्क्रिय कमाई जीवित रहने तक हर महीने बार बार सिर्फ खरीदारी करते रहने मात्र से ही कमा सकती है। इस सिस्टम के माध्यम से जीवन भर हर महीने बार-बार मिलने वाली निष्क्रिय कमाई से धरती का हर इंसान वर्तमान और भविष्य के खर्चे की चिंता से मुक्त होकर अपने-अपने जन्म स्थान पर ही रहकर अपने-अपने व्यक्तित्व और कौशल का विकास कर स्वयं के साथ-साथ अपने देश को भी आत्मनिर्भर, अपराधमुक्त, प्रदूषणमुक्त और समस्यामुक्त बना सकता है।
मैं गोविंद प्रसाद गुप्ता पुत्र स्वर्गीय दूधनाथ, याशिका म्योरपुर भवन, रिहंद नगर बीजपुर, थाना बीजपुर, ब्लॉक ज्योरपुर, तहसील दुद्धी जनपद सोनभद्र, उत्तर प्रदेश-231223, भारत का निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता हूं। मैंने अपने जीवन का उद्देश्य धरती के हर इंसान के जीवन की सभी समस्याओं एवं बुराइयों की जड़ को जड़ से समाप्त कर धरती को हरी भरी और धरती के हर इंसान के जीवन में खुशहाली भरना ही बनाया हुआ है। मेरे मत में धरती का हर इंसान पैसा कमा पाए या ना कमा पाए लेकिन खाना-पीना या खर्च करना कोई भी इंसान बंद नहीं कर सकता, हर इंसान हर हाल में खरीद कर या व्यवस्था कर खर्चा करेगा ही करेगा। यदि यह बात सही है तो मैंने एक ऐसे अद्वितीय सिस्टम की रचना की है जिसके माध्यम से धरती का हर इंसान सिर्फ दुकान बदलकर सिर्फ खरीदारी करते रहने से ही जीवित रहने तक हर महीने बार-बार ₹20000 महीने से लेकर ₹50000 महीने तक की निष्क्रिय कमाई करता रहेगा अर्थात धरती का हर इंसान जब तक खर्चा करता रहेगा तब तक सिर्फ खर्चा या खरीदारी करते रहने मात्र से ही ₹20000 से लेकर ₹50000 महीने तक बिना कोई काम किये ही कमाता रहेगा।

गोविंद प्रसाद गुप्ता
Founder & CEO, Problem Free
+And everything you want to buy. (Which can be found in this world.)
जिस तरह एक फुटकर दुकानदार हर रोज हर महीने बार-बार सौ या हजारों खरीदारों द्वारा सामान खरीदने से पैसा कमाता है, ठीक उसी तरह इस सिस्टम से जुड़ने वाला धरती का हर एक खरीदार 156 खरीदारों के द्वारा बार-बार सामान खरीदने से हर रोज हर महीने बार-बार जीवित रहने तक निष्क्रिय पैसा कमा सकता है, वो भी बिना बेचे, बिना दुकान खोले और बिना कोई पूंजी लगाए ही।
हर किसी को यह निष्क्रिय कमाई करने के लिए हर किसी के टीम में 156-156 खरीदारों की आवश्यकता होगी, लेकिन हर किसी के द्वारा 156-156 खरीदारों की टीम बनाई जाए यह आवश्यक नहीं है क्योंकि यह अद्वितीय सिस्टम असक्षम या सभी के लिए 156-156 की टीम बनाने में सक्षम है, जबकि सक्षम खरीदारों द्वारा अपने से अनंत खरीदारों को जोड़कर अपने साथ-साथ इस सिस्टम और दूसरों की भी मदद की जा सकती है। अर्थात इस सिस्टम से मुफ्त में जुड़कर जीवन भर खरीदारी करते रहने मात्र से ही धरती का हर एक इंसान हर महीने जीवन भर अपने-अपने खर्चे से अधिक निष्क्रिय कमाई कर सकता है।
हर िसी के 156 खरीारों की टीम में निम्न, म्यम और उच्च ीनों वर्ग क खरीदार सम्िलित हो सकत हैं। वर्तमन में यदि निम्न वर्ग का ्रति व्यक्ति मासिक खर्च 1000, मध्यम का 3000 और उच्च का 10000 रुपये मान िया जाए तो तनों वर्गों ो मिलाकर प्ति व्यक्ति सत खर्च लगभ 5000 रूपए हर मीने है।
इस सिस्टम के शुरुआत में यदि सबको मिलाकर प्रति व्यक्ति औसत खर्च कम से कम ₹1000 महीना मान लिया जाए तो एक व्यक्ति द्वारा हर महीने सब सामान मिलाकर जो ₹1000 का सामान खरीदा जाता है वह सामान लगभग 850 रुपए में फैक्ट्रियों में बनकर तैयार होता होगा और शेष 150 रुपए में आज तक सिर्फ बनाने वाले, प्रचार करने वाले, पहुंचाने वाले और फुटकर दुकानदार आदि ही कमाते आए हैं लेकिन इस सिस्टम के माध्यम से अब धरती का हर एक खरीदार भी अपने-अपने टीम (156) के हर खरीदार द्वारा हर 1000 रुपए तक की खरीदारी पर इस 150 रुपए में से कम से कम ₹13 महीना निष्क्रिय कमा कर सकेगा।
शुरुआत में हर एक खरीदार की हर महीने की औसत निष्क्रिय कमाई = 156 × 13 = 2028 रुपए। अर्थात शुरुआत में निम्न वर्ग का हर एक खरीदार अपने खर्चे का दोगुना, मध्यम वर्ग 80% और उच्च वर्ग 20% रुपए निष्क्रिय कमाई कर सकेगा।
यदि निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग ने इस हर महीने मिलने वाली निष्क्रिय कमाई को भी खर्च करना शुरू कर दिया तो साल 6 महीने बाद ही निम्न और मध्यम वर्ग का भी खर्च बढ़कर 10000 रूपए महीने तक हो जाएगा अर्थात प्रति व्यक्ति औसत खर्च ₹10000 महीने हो जाएगा जो कि इंसान की फितरत में है कमाई बढ़ने के साथ-साथ स्वाभाविक रूप से खर्च बढ़ ही जाता है, तो अब हर एक खरीदार को अपने-अपने टीम के हर एक खरीदार के 10000 रुपए तक की खरीदारी पर कम से कम 130 रुपए महीने निष्क्रिय कमाई मिल सकेगी।
अब हर एक खरीदार की हर महीने की औसत निष्क्रिय कमाई = 156 × 130 = 20280 रुपए। अर्थात अब निम्न, मध्यम और उच्च तीनों वर्ग समान रूप से हर महीने 10-10 हजार रुपए महीने खर्च करेंगे और सभी 20-20 हजार रूपए महीने निष्क्रिय कमाई कर सकेंगे।
यदि सबका साथ एवं सहयोग, समझदारी और ईमानदारी से इस सिस्टम को निरंतर मिलता रहा तो जल्द ही हम सब की जरूरत का सारा सामान बेचने वाले सभी तरह के दुनिया के सभी जगह के छोटे-बड़े विक्रेता इस सिस्टम के माध्यम से ही अपना-अपना सामान हम सब (पूरी जनसंख्या) को बेचना चाहेंगे तो अब तक जो हर एक खरीदार को अपने-अपने टीम के हर एक खरीदार के 10000 रूपए तक की खरीदारी पर मात्र ₹130 महीने निष्क्रिय कमाई मिल रही थी वह बढ़कर 325 रुपए महीने हो जाएगी, तब धरती के हर एक खरीदार 10-10 हजार रुपए महीने खर्च करेंगे और सब 50-50 हजार रुपए महीने निष्क्रिय कमा कर सकेंगे।
अब हर ए खरीदार की ह महीने की औसत निष्क्रिय कमाई = 156 × 325 = 50700 रूपए।
यदि एक परिवार में चार इंसान (बच्चा, बूढ़ा, बीमार, औरतें या शारीरिक, मानसिक रूप से सक्षम या असक्षम कोई भी) रहते हैं तो प्रति परिवार ₹200000 या प्रति व्यक्ति ₹50000 हर महीने जीवन भर जीवित रहने तक सिर्फ दुकान बदलकर खरीदारी करते रहने मात्र से ही निष्क्रिय कमाई करते रहेंगे। अर्थात जितना ज्यादा सबका खर्चा उतनी ही ज्यादा सब की कमाई। इस कमाई पर महंगाई और बढ़ती हुई जनसंख्या आदि का कोई भी दुष्प्रभाव कभी भी नहीं पड़ेगा।
अतः अपनी-अपनी वर्तमान सभी खरीदने वाली जगहों को बदलकर ₹50000 प्रति व्यक्ति या 2 लाख रुपए प्रति परिवार जीवित रहने तक हर महीने सिर्फ खरीदारी करते रहने से ही निष्क्रिय कमाई कमाते रहने और स्वयं के साथ-साथ अपने देश को भी आत्मनिर्भर, मजबूरीमुक्त, पलायनमुक्त, प्रदूषणमुक्त और समस्यामुक्त बनाने तथा विकसित करने के लिए हमसे जुड़ें।
औ यदि आप एक दकानदार हैं, ो कंपटीशन स मुक्ति पान, खरीदारों का इंतजार करने से मुक्ति ाने, अपने दे के उच्च करदाताओं में शामिल होने, तुनात्मक रूप े कम दाम पर अधिकतम बिक्र कर अधिकतम लाभ कमाने आदि के लिए हमसे ुड़ें। हर ए दुकानदार दकानदार होन के साथ-साथ एक खरीदार (ग्ाहक) भी है इसलिए कोई भी दकानदार ग्राहक के रूप मे भी मुफ़्त मं पंजीकरण कके उपरोक्त िष्क्रिय काई भी कर सकत है।
इस सिस्टम के माध्यम से सभी को टीम एवं स्वयं पुनर्रीद दो तरह की आय प्राप्त होती है।
नर्धारित खरीदारी के ऊपर रीदारी करने पर स्वयं खरदार ही ऊपरी रीद के फायद का हकदार होगा।
इस सिस्टम स मिलने वाली माई में से एडिन चार्ज,मेटेनेंस चार् और अन्य चा्जेज नियमानुार काटे जाएगे।
जब तक टीम पूरी नहीं हो जाती तब तक संख्यानुसार, नियमानुसार कमाई कम ही हो सकेगी अर्थात जिसकी जितनी टीम उसकी उतनी कमाई (हर एक खरीदार के टीम में अधिकतम खरीदारों की संख्या 156 होगी)।
सहृदय ध्यवाद! अधिक ानकारी के लए संपर्क करं:-
+91 9795550124/ +918953569029